RBI के Repo Rate पर फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर ने ली राहत की सांस, CREDAI ने की थी ब्याज दर न बढ़ाने की अपील
RBI Repo Rate: आरबीआई की रेपो रेट बढ़ाए जाने की सुगबुगाहट से रियल एस्टेट उद्योग जगत बेचैन था, लेकिन आज आम आदमी से लेकर रियल एस्टेट के कारोबारियों को सुकून भरी उम्मीदों को पंख लग गए हैं.
RBI Repo Rate: केंद्रीय रिजर्व बैंक की ओर से आज बेंचमार्क पॉलिसी रेट में कोई बदलाव न किए जाने का रियल एस्टेट सेक्टर ने स्वागत किया है. रियल एस्टेस असोसिएशन CREDAI (Confederation of Real Estate Developers Associations of India) ने इस हफ्ते आरबीआई से मिलकर रेट न बढ़ाने की मांग की थी. आज का फैसला आने के बाद संगठन ने रेट स्थिर रखने की सराहना की है. धारणा है कि आज के इस फैसले से रियल एस्टेट उद्यमियों को संजीवनी मिलेगी और आम आदमी को भी इसका फायदा मिलेगा. पिछले साल से रियल एस्टेट सेक्टर में आई तेजी को बरकरार रखने का मौका मिलेगा. आरबीआई की रेपो रेट बढ़ाए जाने की सुगबुगाहट से रियल एस्टेट उद्योग जगत बेचैन था, लेकिन आज आम आदमी से लेकर रियल एस्टेट के कारोबारियों को सुकून भरी उम्मीदों को पंख लग गए हैं. पिछली बार घोषित 6.50 फीसद रेपो रेट चालू वित्त वर्ष में पहली मौद्रिक नीति की पहली तिमाही में बरकरार रखा है.
रियल एस्टेट सेक्टर ने देखा है रिवाइवल
मंदी के बाद कोविड ने रियल एस्टेट सेक्टर की कमर तोड़ दी थी. पिछले साल से खरीदारों का इस सेक्टर की तरफ निवेश के लिए विशेष रुझान रहा. इस साल की पहली तिमाही भी रियल एस्टेट के लिए विशेष रही. आरबीआई ने पिछ्ले साल रेपो रेट में छह बार वृद्धि की थी. लेकिन खरीदरों के सकारात्मक रुख के चलते डेवलपर्स रेपो रेट में छह बार हुई बढ़त को भी झेल रहे थे. लेकिन अब इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद फिर से रेपो रेट बढ़ाए जाने की आशंकाओं से रियल एस्टेट उद्यमी परेशान थे. जिसको लेकर डेवलपर्स के संगठन क्रेडाई ने आरबीआई गवर्नर से मुलाकात कर रेपो रेट नहीं बढ़ाए जाने की मांग की थी. क्रेडाई का कहना था कि रेपो रेट बढ़ने से मंदी से अभी रियल एस्टेट पर फिर से संकट के बादल छा जाएंगे और विकास की गति का पहिया धीमा पड़ जायेगा. चालू वित्तीय वर्ष में पहली बार आज आरबीआई ने मौद्रिक नीति (रेपो रेट) को पिछली बार 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने की घोषणा की. जिससे रियल एस्टेट सेक्टर खुशी से झूम गया. क्रेडाई समेत तमाम कारोबारियों ने आरबीआई के इस कदम का स्वागत किया है. निवेशकों के लिए भी यह काफी लाभकारी खबर है और इससे बाजार को मजबूती मिलेगी.
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कैसी है रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गजों की प्रतिक्रिया?
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क्रेडाई के प्रेसिडेंट और गौड़ समूह के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि "हमारे अनुरोध पर विचार करते हुए रेपो रेट को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हैं. पिछले आरबीआई की दर में लगातार 6 बार वृद्धि संभावित खरीदारों पर असर डाल रही थी. यदि ब्याज दरों को कम से कम 2 तिमाहियों के लिए इस स्तर पर रखा जाता है तो बाजार को और अधिक मजबूती मिलेगी. क्योंकि खरीदारों को कोई वित्तीय चिंता नहीं होगी और होम लोन पर अधिक ब्याज का भुगतान करने का डर होगा. स्थिर रेपो दर निवेशकों को और भी आसानी से प्रोपर्टी में अपना पैसा लगाने के लिए प्रेरित करेगा."
क्रेडाई के वेस्टर्न यूपी प्रेसिडेंट और डायरेक्टर काउंटी ग्रुप अमित मोदी का कहना है कि "हम रेपो दरों को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले की सराहना करते हैं. हाल की बढ़ोतरी ने निवेशकों को एक तरह से बाध्य कर दिया था. रियल एस्टेट क्षेत्र फलता-फूलता रहेगा क्योंकि मध्यम-आय वर्ग होम लोन पर उच्च ब्याज का भुगतान करने के डर के बिना इस क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं. गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं की पहुंच के कारण, आवासीय और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में मांग असाधारण रूप से अधिक रही है. रेपो रेट स्थिर रहने पर निवेशक परियोजनाओं में और भी आसानी से निवेश कर सकते हैं."
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महागुन ग्रुप के निदेशक अमित जैन ने कहा कि "हाल के वर्षों में, ब्याज दरों में काफी वृद्धि हुई है. भले ही दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं ने ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखी है. वर्तमान समय में आरबीआई ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का साहसी निर्णय लिया है, यह निवेशकों और उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प प्रस्तुत देता है जो घर खरीदना या निवेश करना चाहते हैं. ब्याज दर को स्थिर रखने से, भारतीय बाजार वैश्विक स्तर पर काफी अधिक प्रतिस्पर्धी और आकर्षक हो जाता है. इससे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि हो सकती है."
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